जीवन धारा
Thursday, May 7, 2009
...अभी तुमने मुझे जाना ही नही ।
इरादा ........ !
इरादा तो इतना है की कब्र से भी निकल आऊं ।
पर केवल उजाले के लिए । यही एक चीज मुझे कब्र से भी बाहर निकाल सकती है ।
मजाक नही कर रहा ....अभी तुमने मुझे जाना ही नही ।
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