Wednesday, April 29, 2009

एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती ....

जीवन एक संगिनी की तरह है । हमेशा आपके साथ । राह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए ।
कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआ । बहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .....कहाँ खो गए ।
दोस्त ! एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
हर शाम के बाद सुबह , हर सुबह के बाद शाम । यह तो प्रकृति का नियम है । अभी शाम है ...
मेरे दोस्त । सुबह का इन्तजार करो । आनेवाला ही है । फ़िर डर कैसा ? जम कर करो ,इन्तजार ।
क्या कहू दोस्त ....जीवन में अँधेरा भी तो जरुरी है । तभी तो उजाले का प्रश्फुटन होगा ।
अंधेरे के बाद का उजाला ज्यादा मीठा होता है । चख कर तो देखो ।

Tuesday, April 14, 2009

साथी ....

एक बछडा । उसे काफी प्यार करता था । हरदम उछल कूद मचाता । मेरा दोस्त बन गया । बस्ता फेंक उसी से बात करता । आँखें बड़ी प्यारी थी । जब उसे लगता की मै स्कुल से आ गया तो मेरी ही ओर एकटक देखता रहता ।मै भी उसे निराश नही करता , भागकर उसके पास चला जाता । एक दिन रात में अचानक चला गया । भगवान् ने उसे वापस बुला लिया ।ऐसा लगा... मेरी दुनिया उजड़ गई । बचपन का एक मूक साथी बिछड़ गया । जिंदगी के इस भाग दौड़ में वह हमेशा याद आता है ।
(दोस्त आज भी तुझे हर पल याद करता हूँ )

Thursday, April 9, 2009

मैडम क्युरी .....

मेरी क्युरी का नाम उस वक्त सुना था जब चौथी क्लास में था मामा जी एक किताब लाये थे जिसमे लिखा था की इन्हे दो बार नोबल प्राइज़ मिल चुका है पहली महिला भी है ,जिनको नोबल प्राइज़ मिला मामा जी ने कहा देख लो इस महिला को इसके जैसा कोई नही हुआ आज तक दो बार नोबल प्राइज़ जित चुकी है मैंने पहली बार नोबल प्राइज़ का नाम भी सुना समझ में नही आया इतना जरुर समझ लिया की एक बड़ा पुरस्कार होगा बाद में नोबल को भी अच्छी तरह से जाना और मैडम क्युरी को भी ग्यारहवी क्लास में देवरिया के इंटर कोलेज में प्रवेश लिया पास में ही एक नागरी प्रचारणी सभा थी मै अक्सर वहां न्यूज पेपर पत्रिकाएं पढने जाया करता था एक दिन वही से मैडम क्युरी पर आधारित एक किताब लाया और उसे पुरे मनोयोग से पढ़ा बचपन की यादें और मामा जी का चेहरा सामने उभर आया

मैडम क्युरी विख्यात विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। पोलैंड के वारसा नगर में जन्मी मेरी ने रेडियम की खोज की थी।वारसा में महिलायों को उच्च शिक्षा की अनुमति नही थी अतः मेरी ने चोरी छिपे उच्च शिक्षा प्राप्त की पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर बनने वाली पहली महिला होने का गौरव भी मिला। यहीं उनकी मुलाक़ात पियरे क्यूरी से हुई जिनसे उनकी बाद में शादी भी हो गई इन दोनों ने मिल कर पोलोनियम की खोज की इसके बाद मैडम क्युरी ने रेडियम की भी खोज की १९०३ में इस दंपत्ति को रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए भौतिकी का नोबल प्राइज़ मिला १९११ में उन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में रेडियम के शुद्धीकरण (आइसोलेशन ऑफ प्योर रेडियम) के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार भी मिला। विज्ञान की दो शाखाओं में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं। उनकी दोनों पुत्रियों को भी नोबल प्राइज़ मिल वास्तव में वह एक असाधारण महिला थी मामा जी का कथन आज भी याद है ...देख लो इस महिला को

Monday, April 6, 2009

खुला गगन सबके लिए है..........

उजाले को पी अपने को उर्जावान बना
भटके लोगो को सही रास्ता दीखा
उदास होकर तुझे जिंदगी को नही जीना
खुला गगन सबके लिए है , कभी मायूश होना
तुम अच्छे हो, खुदा की इस बात को सदा याद रखना