Thursday, April 9, 2009

मैडम क्युरी .....

मेरी क्युरी का नाम उस वक्त सुना था जब चौथी क्लास में था मामा जी एक किताब लाये थे जिसमे लिखा था की इन्हे दो बार नोबल प्राइज़ मिल चुका है पहली महिला भी है ,जिनको नोबल प्राइज़ मिला मामा जी ने कहा देख लो इस महिला को इसके जैसा कोई नही हुआ आज तक दो बार नोबल प्राइज़ जित चुकी है मैंने पहली बार नोबल प्राइज़ का नाम भी सुना समझ में नही आया इतना जरुर समझ लिया की एक बड़ा पुरस्कार होगा बाद में नोबल को भी अच्छी तरह से जाना और मैडम क्युरी को भी ग्यारहवी क्लास में देवरिया के इंटर कोलेज में प्रवेश लिया पास में ही एक नागरी प्रचारणी सभा थी मै अक्सर वहां न्यूज पेपर पत्रिकाएं पढने जाया करता था एक दिन वही से मैडम क्युरी पर आधारित एक किताब लाया और उसे पुरे मनोयोग से पढ़ा बचपन की यादें और मामा जी का चेहरा सामने उभर आया

मैडम क्युरी विख्यात विख्यात भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। पोलैंड के वारसा नगर में जन्मी मेरी ने रेडियम की खोज की थी।वारसा में महिलायों को उच्च शिक्षा की अनुमति नही थी अतः मेरी ने चोरी छिपे उच्च शिक्षा प्राप्त की पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर बनने वाली पहली महिला होने का गौरव भी मिला। यहीं उनकी मुलाक़ात पियरे क्यूरी से हुई जिनसे उनकी बाद में शादी भी हो गई इन दोनों ने मिल कर पोलोनियम की खोज की इसके बाद मैडम क्युरी ने रेडियम की भी खोज की १९०३ में इस दंपत्ति को रेडियोएक्टिविटी की खोज के लिए भौतिकी का नोबल प्राइज़ मिला १९११ में उन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में रेडियम के शुद्धीकरण (आइसोलेशन ऑफ प्योर रेडियम) के लिए रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार भी मिला। विज्ञान की दो शाखाओं में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली वह पहली वैज्ञानिक हैं। उनकी दोनों पुत्रियों को भी नोबल प्राइज़ मिल वास्तव में वह एक असाधारण महिला थी मामा जी का कथन आज भी याद है ...देख लो इस महिला को

1 comment:

Urmi said...

आपने मैडम कुरी के बारे में बहुत ही सुंदर लिखा है और पड़ते पड़ते मैं अपने स्कूल के दिनों में चली गई क्यूंकि जब मैं पांचवी में पड़ती थी तब मैडम कुरी के बारे में पड़ा था और अब जाकर इतने सालों बाद आपके बदौलत फिर से पड़ा तो बड़ा ही अच्छा लगा!