जीवन एक संगिनी की तरह है । हमेशा आपके साथ । राह में हर मोड़ पर कदम मिलाते हुए ।
कुछ ख़त्म हो गया तो क्या हुआ । बहुत कुछ अभी बाकी है , मेरे दोस्त .....कहाँ खो गए ।
दोस्त ! एक सपने के टूट जाने से जिंदगी ख़त्म नही हो जाती । बहुत से सपने अभी भी बुने
जा सकते है । टूटने दो यार एक सपने को ..वह टूटने के लिए ही था ।
हर शाम के बाद सुबह , हर सुबह के बाद शाम । यह तो प्रकृति का नियम है । अभी शाम है ...
मेरे दोस्त । सुबह का इन्तजार करो । आनेवाला ही है । फ़िर डर कैसा ? जम कर करो ,इन्तजार ।
क्या कहू दोस्त ....जीवन में अँधेरा भी तो जरुरी है । तभी तो उजाले का प्रश्फुटन होगा ।
अंधेरे के बाद का उजाला ज्यादा मीठा होता है । चख कर तो देखो ।
5 comments:
कहीं पढा था -
जीवन की एक असफलता का नाम जीवन की असफलता नहीं होता |
बहुत बहुत शुक्रिया आपके सुंदर टिपण्णी के लिए !
बहुत खूब लिखा है आपने ! बिल्कुल सही फ़रमाया है ज़िन्दगी के बारे में!
सही कहा, जिंदगी रहेगी, तो हजारों सपने आएंगे।
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SBAI TSALIIM
mark , i like this post very much , mujhe ye dil ke jyada kareeb lagi .. waise to maine aapke saare blogs padhe hai . aur aap bahut accha likhte ho..
dil se badhai sweekar karen ..
please tell me the writer of this poem.........
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