Wednesday, February 18, 2009

याद नही वो दिन .....

याद नही वो दिन जो चले गए
शायद देखा एक सपना
सपने में दिखा उजाला
सपना टूट गया
अन्धेरें रह गए
याद नही वो पल जो चले गए
चाँद सितारों की बातें
अब नही कहना
मर मर के अब
नही जीना
अबतक तो
मर मर के ही जीते रहे
याद नही वो दिन जो चले गए
आशा की किरणों से
मेरा नाता टूट गया
आगे मै बढ़ चला
कुछ पीछे छुट गया
अबतक तो
ऐसे ही चलते रहे
याद नही वो दिन जो चले गए

1 comment:

अभिषेक मिश्र said...

अबतक तो
ऐसे ही चलते रहे
याद नही वो दिन जो चले गए

सुंदर अभिव्यक्ति.